जन्मपत्रिका के सप्तम भाव को हमारे जीवन का अविभाज्य अंग माना जाता है, कारण है इस स्थान की विशेषता आइये जानते है "सप्तम" भाव को,
जीवन में खुशिया ही खुशिया है यदि हमारे साथ दुःख बाटने एवं सुख में समाधान मानने वाला या वाली कोई साथ है तो, जीसे हम जीवन साथी / संगिनी कहते है | सब कुछ होते हुए भी हम अधूरे है यदि जीवन साथी नहीं है तो |
सप्तम भाव की यही विशेषता है इस स्थान के अंतर्गत हमारे जीवनसाथी को देखा जाता है यह स्थान जितना शुभ उतना हमारा जीवन सुखी, समाधानी तथा संपन्न |
शादी से सम्बंधित सभी प्रश्नों का उत्तर सप्तम स्थान से मिल सकता है जैसे,
शादी कब होगी ?
जीवन साथी कैसा होगा ? आदी |
इस स्थान से "व्यवसाय" एवं "व्यवसयियो" के बारे में जाना जाता है जिसे हम कहते "साझेदारी" (Partnership), यदि यह स्थान स्वस्थ है (शुभ दृष्टी / शुभ योग / शुभ ग्रहों से) तो हमें व्यवसाय में साझेदारी करने से लाभ होगा या नहीं यह जानने में सप्तम स्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है |
|| ॐ तत् सत ||
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