ग्रह की दीप्त अवस्था :-
जन्म पत्रिका में यदि ग्रह खुद के उच्च क्षेत्र (उच्च राशी) में स्थित हो तो वह ग्रह "दीप्त अवस्था" में हैं ऐसा अर्थ होता हैं | दीप्त का अर्थ होता हैं सजग रहना, प्रकाशित रहना |
उदहारण :-
सूर्यदेव मेष राशी में उच्च के होते हैं, यदि यह अवस्था किसी जातक के पत्रिका में हो तो उस जातक के पत्रिका में सूर्य के दीप्त अवस्था के फल प्रभाव प्राप्त होंगे |
फल :-
यदि ग्रह दीप्त अवस्था में हैं तो खुद के दशाकाल में जातक को मान, सम्मान, ख्याति की प्राप्ति होती हैं, तथा जिस कार्य को करे उस कार्य में जातक की विजय होती हैं |
|| ॐ तत् सत ||
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