ज्योतिष में अष्टम स्थान को "चिरनिद्रा" (मृत्यु) का स्थान अथवा आयु भाव कहा जाता है |
मृत्यु यह अटल सत्य है जीवन का, जिसे अष्टम स्थान से देखा जाता है | अष्टम स्थान मानसिक चिंता, बदनामी आदि को भी दर्शाता है |
किसी भी कार्य को सुचारू रूप से करने के लिए हमारी मानसिक शांति आवश्यक है यदि हमारा दिमाग शांत है तथा विचारो में सतर्कता है तो हमारा हर कार्य ठीक तरह से होगा इसके विपरीत यदि हमारा दिमाग शांत नहीं है तो हम उग्र होकर खुद के पक्ष में उचित निर्णय नहीं ले पाएंगे |
अष्टम स्थान से जीवन साथी की संपत्ति का आकलन भी किया जा सकता है |
आकस्मिक प्राप्त होने वाली संपत्ति की जानकारी भी अष्टम स्थान से प्राप्त हो सकती है |
|| ॐ तत् सत ||
No comments :
Post a Comment