ज्योतिष में दशम भाव को "कर्म स्थान" कहा जाता है |
जन्म पत्रिका का दशम भाव हमारे कर्म को दर्शाता है जिसे आजीविका के साधन के रूप में उपयोग में लाया जाता हो | दशम स्थान से व्यापर, नौकरी / नौकरी में उच्च स्थान, कार्य में अभिरुचि तथा उत्तम कार्य कौशल को दर्शाता है |
कई बार जब हम समझ नहीं पाते की किस दिशा में हमारा भाग्य साथ देगा अर्थात क्या कार्य करना उचित है, उस समय हम ज्योतिष के माध्यम से कार्य को सुनिश्चित कर सकते है |
यदि हम नौकरी कर रहे है तो हमें उच्च स्थान (Promotion) की प्राप्ति कब होगी, इस विषय में भी दशम स्थान तथा उससे सम्बंधित ग्रह हमें दिशा निर्देश कर सकते है |
आज के स्पर्धा के युग में हर कोई जहा जीवन में आगे बढ़ने की अंधी दौड़ में भाग रहा है, उसी में यदि सफलता प्राप्त करनी हो तो कौनसे क्षेत्र को आमदनी का माध्यम बनाया जाये यह जानने के लिए जन्मपत्रिका का "दशम स्थान" एक मुख्य स्थान है |
|| ॐ तत् सत ||
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