मुहूर्त :-
तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण इन पञ्च अंगो से पंचांग की उत्पत्ति होती है तथा
किसी भी कर्म विशेष के लिए इन पंचांगों की शुद्धि ही "मुहूर्त" कहलाता है |
किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले पंचांग शुद्धि देख कर कर्म के अनुसार शुभ मुहूर्त अवश्य देखे | ऐसा करने से हमेशा कार्य वृद्धि होती है तथा कर्म सफल होता है |
|| ॐ तत् सत ||
तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण इन पञ्च अंगो से पंचांग की उत्पत्ति होती है तथा
किसी भी कर्म विशेष के लिए इन पंचांगों की शुद्धि ही "मुहूर्त" कहलाता है |
किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले पंचांग शुद्धि देख कर कर्म के अनुसार शुभ मुहूर्त अवश्य देखे | ऐसा करने से हमेशा कार्य वृद्धि होती है तथा कर्म सफल होता है |
|| ॐ तत् सत ||
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