ज्योतिष में बहुत से पहलु है किसी भी विषय के अंतिम छोर तक पहुचने के लिए और
ऐसे ही कई पहलुओ में से एक है "राशि", पत्रिका में राशि को प्रधानता दे या लग्न
को प्रधानता दे या सूर्य (नैसर्गिक आत्मा कारक), चन्द्र (नैसर्गिक मन
कारक) को प्रधानता दे, बहुत ही असमंजस (Confusion) से भरा हुआ काम है |
ऐसी स्थिति में आज हम देखते है आखिर राशि (Zodiac Sign) कैसे काम करती है और राशि का स्वभाव हमारे स्वाभाव से कैसे जुड़ता है |
मेष (Aries), कर्क (Cancer), तुला (Libra), मकर (Capricorn) = चर राशि (Movable Sign)
इन राशियों के जातक घुमने फिरने के शौक़ीन तथा एक काम पूरा होते ही दुसरे काम में लगने की मानसिकता वाले होते है, ये लोग कभी किसी काम को बोझ नहीं समझते और हमेशा उत्साह से आगे बढ़ते रहते है तथा दुसरो को भी प्रोत्साहित (Motivate) करते है.
वृषभ (Taurus), सिंह (Leo), वृश्चिक (Scorpio), कुम्भ (Aquarius) = स्थिर राशि (Fixed Sign)
इन राशियों के जातक जो भी काम करे उसीमे पूरी एकाग्रता तथा खुद को झोंक कर काम करते है, किसी एक जगह पर जाने के बाद जब तक उस जगह से जुडी पूरी जानकारी न हो जाये तब तक दूसरी जगह जाने के बारे में विचार तक नहीं करते, इस राशि के जातक विचारो के पक्के तथा हाथ में आये काम को पूरा करने पर फिर उसी काम के बारे में नये सिरे से सोचते है, अपनी कार्यप्रणाली को हमेशा अपडेट करते है.
मिथुन (Gemini), कन्या (Virgo), धनु (Sagittarius), मीन (Pisces) = द्विस्वभाव राशि (Dual Sign)
इन राशियों के जातक किसी भी काम को पूरा करने में हमेशा तकलीफ महसूस करते है और "ये काम मुश्किल है" ऐसा सोचते है, किसी दुसरे को यदि कोई काम करते देख ले तो उसे भी नकारात्मक विचार से भर देते है (ये नहीं हो सकता, बहुत जादा परेशानी है आदि) इन्हें किसी भी विषय के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती, थोड़ी थोड़ी जानकारी सब विषयो की रखते है, इन राशि के जातको को बाते करने में महारत हासिल होती है एक बार शुरू हो जाये तो चर्चा का सत्र चला देते है.
महर्षि पराशर के अनुसार लग्न कुंडली में आने वाली राशि जातक का उपरी नजरिया बताता है तथा अलग अलग वर्गकुण्डलियों में अलग अलग राशियों के अलग अलग परिणाम मिलते हैं.
ऐसी स्थिति में आज हम देखते है आखिर राशि (Zodiac Sign) कैसे काम करती है और राशि का स्वभाव हमारे स्वाभाव से कैसे जुड़ता है |
मेष (Aries), कर्क (Cancer), तुला (Libra), मकर (Capricorn) = चर राशि (Movable Sign)
इन राशियों के जातक घुमने फिरने के शौक़ीन तथा एक काम पूरा होते ही दुसरे काम में लगने की मानसिकता वाले होते है, ये लोग कभी किसी काम को बोझ नहीं समझते और हमेशा उत्साह से आगे बढ़ते रहते है तथा दुसरो को भी प्रोत्साहित (Motivate) करते है.
वृषभ (Taurus), सिंह (Leo), वृश्चिक (Scorpio), कुम्भ (Aquarius) = स्थिर राशि (Fixed Sign)
इन राशियों के जातक जो भी काम करे उसीमे पूरी एकाग्रता तथा खुद को झोंक कर काम करते है, किसी एक जगह पर जाने के बाद जब तक उस जगह से जुडी पूरी जानकारी न हो जाये तब तक दूसरी जगह जाने के बारे में विचार तक नहीं करते, इस राशि के जातक विचारो के पक्के तथा हाथ में आये काम को पूरा करने पर फिर उसी काम के बारे में नये सिरे से सोचते है, अपनी कार्यप्रणाली को हमेशा अपडेट करते है.
मिथुन (Gemini), कन्या (Virgo), धनु (Sagittarius), मीन (Pisces) = द्विस्वभाव राशि (Dual Sign)
इन राशियों के जातक किसी भी काम को पूरा करने में हमेशा तकलीफ महसूस करते है और "ये काम मुश्किल है" ऐसा सोचते है, किसी दुसरे को यदि कोई काम करते देख ले तो उसे भी नकारात्मक विचार से भर देते है (ये नहीं हो सकता, बहुत जादा परेशानी है आदि) इन्हें किसी भी विषय के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती, थोड़ी थोड़ी जानकारी सब विषयो की रखते है, इन राशि के जातको को बाते करने में महारत हासिल होती है एक बार शुरू हो जाये तो चर्चा का सत्र चला देते है.
महर्षि पराशर के अनुसार लग्न कुंडली में आने वाली राशि जातक का उपरी नजरिया बताता है तथा अलग अलग वर्गकुण्डलियों में अलग अलग राशियों के अलग अलग परिणाम मिलते हैं.
|| ॐ तत् सत ||
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