-: ग्रहों का शारीरिक बीमारियों से सम्बन्ध :-
"सूर्य" कमजोर हो तो जातक की जठराग्नि मंद होती है |
भूख कम लगना अथवा भोजन किया हुआ अन्न पचने में परेशानी यह रोग 'सूर्य' ग्रह के कारण होते है |
"चन्द्र" बलहीन हो तो जातक मानसिक रोग से ग्रसित होता है |
भूल जाना, स्मरण शक्ति कम होना अथवा विस्मरण होना यह रोग 'चन्द्र' ग्रह के कारण होते है |
"मंगल" बलहीन हो तो जातक रक्त विकारो के रोग से ग्रसित होता है |
रक्त की अशुद्धि अथवा रक्त की कमी आदी रोग 'मंगल' ग्रह के कारण होते है |
"बुध" बलहीन हो तो जातक त्वचा रोग से ग्रसित होता है |
त्वचा पर दाग होना अथवा त्वचा में खुजली आदी रोग 'बुध' ग्रह के कारण होते है |
"गुरु" बलहीन हो तो जातक की ज्ञानशक्ति में कमी होती है |
विषय का अधुरा ज्ञान, एकाग्रता की कमी, विद्याप्राप्ती में मन ना लगना, विचारो की अस्थिरता आदी 'गुरु' ग्रह के कारण होते है |
"शुक्र" बलहीन हो तो जातक कांतिहीन होता है |
चेहरा निस्तेज होना 'शुक्र' ग्रह के कारण होते है |
"शनि" बलहीन हो तो शरीर में स्नायु विकार की संभावना अधिक होती है |
जोड़ो का दर्द होना (joints pain), रीढ़ की हड्डी में दर्द होना 'शनि' ग्रह के कारण होते है |
|| ॐ तत् सत् ||