|| ॐ ||
देह सुख विचार :-
लग्न स्थान में शुभ ग्रह तो मनुष्य सुन्दर व् आकर्षक होता हैं, इसके विपरीत यदि पाप ग्रह हो तो रूपहीन या अनाकर्षक होता हैं | लग्न स्थान पर शुभ ग्रह की दृष्टी या योग हो तो शरीर सौख्य होता हैं |
लग्नेश विचार :-
लग्नेश (लग्न राशि का स्वामी ग्रह), नैसर्गिक शुभ ग्रह (बुध, गुरु शुक्र) इनमे से कोई भी केंद्र (लग्न, चतुर्थ, सप्तम, दशम) भाव में या त्रिकोण (पंचम, नवम) भाव में हो तो जातक दीर्घायु, धनवान, बुद्धिमान तथा उच्च पदस्थ (बड़े ओहदे के सरकारी कर्मचारी) का प्रिय होता हैं |
श्रीमान योग :-
लग्नेश यदि चर राशि (मेष, कर्क, तुला, मकर) में हो तथा शुभ ग्रह (बुध, गुरु, शुक्र) की लग्नेश पर दृष्टी हो तो जातक यशस्वी (कार्य में यश पानेवाला), श्रीमान (मान सन्मान प्राप्त करने वाला) होता हैं |
|| ॐ तत् सत् ||
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